Best Poem on Teacher in Hindi : नमस्कार दोस्तों आशा करती हु आप अच्छे होंगे। गुरु भगवान का दूसरा रूप होता है क्युकी वो खुद को जलाकर अपने शिष्यों के भविष्य को रोशन करता है। एक गुरु के हाथो में देश का भविष्य होता है।
गुरु हमारे जीवन का एक अहम फरिश्ता है इसलिए आज की पोस्ट शिक्षक पर कविता में हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। आप इन कविताओं को पढ़िए और गुरु की अहमियत समझिए।
Poem on teacher in hindi
वो अपने ज्ञान की ज्योति से
घर-घर ज्ञान का दीप जलाते हैं
जो बच्चों को पाठ पढ़ाते हैं
वो राष्ट्र निर्माता कहलाते हैं!
कभी डांट कर कभी प्यार से
बच्चों की गलती उन्हें बताते हैं
जो बच्चों को अनुशासन सिखाते हैं
वो एक अच्छे शिक्षक कहलाते हैं
अज्ञानता के काले बादल हटाकर
बच्चों में ज्ञान की रोशनी फैलाते हैं
जो सदैव सत्य मार्ग पर चलना सिखाते हैं
वो ही असली पथ दर्शक कहलाते हैं
जात-पात से ऊपर उठकर
इमानदारी, त्याग सहनशीलता, सिखाते हैं
जो अच्छे समाज का निर्माण करते हैं
वो जग में आदर्श शिक्षक कहलाते हैं..!
Shikshak par kavita
खुद तप कर
कुंदन दूसरों को बना जाते हैं
जला कर अपने हाथों को भी
उजाला दूर तक बाँट जाते हैं
शिक्षक है वो व्यापारी है
बिना किसी मोल के जीने का
सलीका सिखा जाते हैं
बच्चों का वह भविष्य बनाते हैं
सभी बच्चों को एक समान ज्ञान बांटते हैं
जब करता है कोई बच्चा गलती
आगे ना करें इसलिए शिक्षक उसे डांटते हैं
शिक्षक तो ज्ञान का भंडार होते हैं
तभी तो वह ज्ञान को बांटते हैं..!
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Poem for teachers in hindi
शिक्षक यूं ही नहीं महान होते हैं
इन्हें हर बारीकियों का ज्ञान होता है
करते हैं जो गलतियां हम
उन गलतियों का भी समाधान करते हैं
शिक्षक यूं ही नहीं महान होते हैं
हम शिष्यों के लिए वरदान होते हैं
छोटी-छोटी उंगलियों को
कितना कुछ सिखाया था
ज्ञान विज्ञान और कर्म
का पाठ तुमने ही पढ़ाया था
दुनिया की इन कठिनाइयों में
सरलता का मार्ग दिखाया था
उस कठिनाई के अंधेरे में
दीप ज्ञान का जलाया था
उस स्कूल के राह तक
मां बाप ने पहुंचाया था
पर सफलता के शिखर पर
शिक्षक के ज्ञान ने ही पहुंचाया था..!
Teacher poem in hindi
गुरु चरण में स्वर्ण बसे है
गुरु शरण है धाम हमारे
गुरु आशीष जांकू मिल जाए
जन्म जन्म के भाग सुधारें!
गुरु आदेश मस्तक घर रखो
गुरु सेवा में रैन-दिन जागो
मुख से गुरु शिक्षा गायन हो
गुरु की आज्ञा का पालन हो
मैं करूं चरण धूलि को धारण
चरणों का अमृत पान करूं
शीश झुका कर सहज भाव से
उनके चरणों को प्रणाम करूं
गुरु के कर सर पर जाएं
मैं भवसागर पार जाऊं
वंदन करो गुरु की दिव्यता
मैं कठिन परीक्षा पार पाउं
गुरुवाणी को निज दोहराऊं
गुरु की महिमा नित नित गाऊ
मोहे मिले चाकरी गुरु सेवा की
गुरु को पूज के मैं तर जाऊ..!
टीचर पर कविता
कोरे कागज को अखबार बनाता है
गुरु को जिंदगी का हर हिसाब आता है
रंग-बिरंगे फूलों से वो
संसार को एक सुंदर बाग बनाता है
वही तो है जो तारों को भी रोशनी देकर
खुद सूरज बनकर जगमगाता है
नटखट शैतान बच्चों की
लाख शैतानियां सहता है
फिर भी गुरु धैर्यवान रहता है
ज्ञान की एक एक बूंद से
सिंचता है वो अपनी फसल
तभी तो शिष्य अभी अर्जुन
कभी राम बनकर परचम लहराता है
मां बाप को जन्म देते हैं
गुरु ही इंसान बनाता है
सच ही तो है कोरे कागज को
किताब बनाता है गुरु को जिंदगी
का हर हिसाब आता है..!
▪ प्यार पर कविता
▪ मॉर्निंग प्रेयर फ़ोर स्कूल
▪ स्कूल पर कविता
Hindi poem on teacher student relationship
शिक्षक नहीं ज्ञान के भंडार हैं वो
हर समस्या को सुलझाएं ऐसे विद्वान है वो
हर एक बच्चे में भरते हैं ज्ञान का समंदर
तब जाके होता है उनका जीवन अभिनंदन
गुरु ही माता गुरु ही पिता है
बिना गुरु के सहारे
कोई नहीं लक्ष्य को जीता है
हर शिष्य को लक्ष्य के
काबिल बनाते हैं गुरु
अपनी समस्याओं को भूलकर
शिष्य को पढ़ाते हैं गुरु..!
Poem on teachers day in hindi
चुनौतियों से लड़कर जो
हमें आगे बढ़ना सिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
हर कदम पर जो सफलता
का नया मार्ग दिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
सही और गलत की जो
पहचान कराते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
भाग्य के भरोसे ना बैठे हो
जो हमें मेहनत करना सिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं
जान के दीप जला
जो हमें संस्कार सिखाते हैं
वह शिक्षक कहलाते हैं..!
Teachers day poem in hindi
शिक्षा रूपी वरदान देकर
ज्ञान का स्वरूप संजोकर
डांट, प्यार, फटकार से
अज्ञानता का कीचड़ धोकर
जीवन का मर्म सिखाता है
वह गुरु ही तो कहलाता है
करुणा, दया, सहनशीलता है
क्रोध, भय को लीलता हो
चरणों के स्पर्श मात्र से जिसके
मूर्छित कमल भी खिल जाता है
वह गुरु ही तो कहलाता है
शून्य से शिखर बना दे
अनंत का रहस्य सिखला दे
कृपा आशीर्वाद है उनका कुछ ऐसा
जो जीवन को साकार बनाता है
वह गुरु ही तो कहलाता है
पूजनीय है देवो से पहले
चिंता दुख सारे वह हर ले
जीवन के इस कठिन पथ पर
क्या हम भी इनका हाथ पकड़ ले
हां हां यह गुरु ही तो है..!
Short poem on teacher in hindi
कितना पवित्र था यह
और कितना ही यह था पावन
बच्चों के सूखे जीवन में
शिक्षा ही तो था सावन
गुरु का ज्ञान सम्माननीय वंदनीय है
इनसे शिक्षा लेना ब्रह्मा में विलीन है
कलम में मेरी इतनी ताकत नहीं है
कि जिन्होंने मुझे लिखना सिखाया
उनके बारे में लिख पाऊं
मैंने शिक्षक तो लिख दिया
पर उसके आगे लिखने के लिए
शब्द कहां से लाऊं..!
Teacher par kavita
कण कण में बसते हो आप
जन मन में विराजते हो आप
जीवन में अज्ञान के अंधेरे को
ज्ञान की रोशनी से मिटाते हो आप
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाजे
तब नया राह दिखाते हो आप
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं
जीवन जीना सिखाते हो आप
हे गुरु हमारे जीवन का आदर्श ही नहीं
इस संपूर्ण संसार का आधार हो आप..!
Final words poem on teacher in hindi
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