17+ Desh bhakti Poem in Hindi | जोश भर देने वाली हिंदी देशभक्ति कविता

Best Desh bhakti Poem in Hindi : नमस्कार आज की नई पोस्ट में आपका हार्दिक स्वागत है। दोस्तों आज हमारे पास जो आजादी है वो क्रांतिकारियों और हमारे देशभक्तों की ही देन है। इस आजादी के लिए उन्होंने हंसते हंसते अपना बलिदान कर दिया। तभी तो देशभक्ति का जुनून भारत के हर एक नौजवान के सीने में धड़कता है।

इस जुनून को यूं ही बरकरार रखने और देश के प्रति देश प्रेम को बढ़ाने के लिए आज हम आपके साथ देशभक्ति कविता के माध्यम से poem on desh bhakti in hindi, patriotic poems in hindi, desh bhakti kavita, patriotism poem in hindi, deshbhakti poem in hindi, सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता, देश प्रेम भक्ति कविता साझा कर रहे हैं। आशा करते हैं आपको यह कविताएं बहुत पसंद आएंगी।

Desh bhakti poem in hindi

deshbhakti poem in hindi

हँसते-हँसते चढ़ गया वो
फाँसी पर देश का लाल
शिकन नही थी माथे पर
जाँबाजी थी उसमे कमाल

शहादत भरी थी शिराओं में
हर कतरा लहू का बोला
मेरा देश मेरी शान
इसकी आन पे सर्वस्व कुर्बान

शत-शत नमन तुझे है
ऐ भारत के वीर सपूत
कयामत तक ना भूलेंगे तेरी भक्ति
भारत माँ के प्रति अटूट

जवां रहेगा हर भारतीय दिल में
देश-प्रेम का शोला
मेरा देश मेरी शान
इसकी आन पे सर्वस्व कुर्बान..!

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Best desh bhakti kavita

image for desh bhakti poem in hindi

इस देश से ही मेरी पहचान है
यही मेरा दिल यही मेरी जान है

है यह मेरा भारत जो कि महान है
यहां रहती हर कौम रहते पठान हैं
हां यह मेरा हिंदुस्तान है

लड़ते हैं सुबह एक होते हर शाम हैं
उगती हर फसल उगते यहां धान है
तभी तो मेरा भारत देश महान है
हां यह मेरा हिंदुस्तान है

कोई आंख उठा कर देखे भी तो कैसे
इसकी रक्षा में खड़े हर नौजवान है
हां यह मेरा हिंदुस्तान है..!

Desh bhakti poetry in hindi

desh bhakti poem in hindi for class 8

यूं तो एक चिंगारी
मंगल पांडे ने सुनवाई थी
यह अलग बात है
उन्होंने सफलता नहीं पाई थी

पर हां अन्याय के खिलाफ
आवाज तो उठाई थी
झांसी की रानी भी
रण क्षेत्र में उतर आई थी

माना दामोदर को इंसाफ
नहीं दिला पाई थी
ना जाने कितने शहीदों ने
जान अपनी गवाही थी

माना हमें 1857 में
आजादी नहीं मिल पाई थी
पर हां एक शमा तो
उम्मीद की उन्होंने जलाई थी

यह अलग बात है कि
कुछ गद्दारों ने ही छुरी चलाई थी
पर आज हम आजाद हैं
यह उस शमा से ही रोशनी आई थी..!

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Short deshbhakti poem in hindi

independence day poem hindi

मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं
मैं अपना फर्ज निभाऊंगा
जो सत्ता के लोभी है
मैं उनको सिखाऊंगा

देश बांटते जाति धर्म में
उनको सबक सिखाना है
मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं
मुझे अपना फर्ज निभाना है

लाया हूं पैगाम एकता का
सबको यह पैगाम बताऊंगा
बांट रहे देश स्वार्थ हित जो
मुझे उनका शीश झुकाना है

मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं
मुझे अपना फर्ज निभाना है

क्या होता जाति धर्म
इन सब का भेद हटाना है
जातिवाद और क्षेत्रवाद को
संपूर्ण भारत से मिटाना है

सुंदर सुसंस्कार मय
भारत हमें बनाना है

मैं प्रभाकर राष्ट्रभक्त
जान की बाजी लगाऊंगा
भारत को विश्व गुरु बनाऊंगा
मैं भारत का राष्ट्र भक्त हूं
अपना फर्ज निभाऊंगा..!

Poem on patriotism in hindi

desh bhakti kavita

तुझको नमन मेरे वतन
फूल हम तू है चमन
तेरी रक्षा को करें गमन
तुझसे ही है यह तन मन

आंख जो कोई उठाए
आग दरिया में लगाएं
दुश्मन को दौड़कर भगाए
तिरंगे को हमेशा
चारों दिशाओं में फैलाएं

तेरी खातिर मर भी जाएं
जान पर अपनी खेल जाएं
तुझको नमन मेरे वतन
फुल हम तू है चमन..!

स्कूल पर कविता
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Poem on deshbhakti in hindi

desh bhakti in hindi poem

तेरी मिट्टी का हर कण
देता है मुझे जीवन,
तू शाद रहे आबाद रहे
कहती है मेरे दिल की धड़कन

मेरी आस में, मेरी प्यास में
बनके सुकूं…….. तू रहता है।
मेरे वतन मेरे चमन
मेरे वतन मेरे चमन

गंगा-जमुना सी नदियां
जन-जीवन को खुशहाल करें,
हरी-भरी इसकी धरा पे
हर रोज एक त्यौहार मने

मेरी आंखों में, मेरी सांसों में
बनके खुशबू……तू बसता है
मेरे वतन मेरे चमन
मेरे वतन मेरे चमन

यही ख्वाहिश है दिल की
इसी धरा पे पुनर्जन्म पाऊं,
इसी माटी से उपजी मैं
इसी माटी में मिल जाऊं

मेरा अंग-अंग,मेरा रोम-रोम
तू ही जुस्तजू……ये कहता है
मेरे वतन मेरे चमन
मेरे वतन मेरे चमन

75 वें गणतंत्र की शौर्य गाथा
आज भारत लिख रहा है,
दुनिया में चहुंओर भारत का
स्वर्णिम यश दिख रहा है

हर भारतीय सीने में और जीने में
बनके गुरूर ….. तू रहता है..!

Desh bhakti poems in hindi by harivansh rai bachchan

poem on desh bhakti in hindi

हम भारतवासी मिलकर इतिहास रचाएंगे
साथ ईद और होली को हम लाएंगे
फिर भगत और सुभाष कोई आएंगे

बहुत हुआ धर्म जातियों में बंट जाना
भाई भाई का आपस में ही कट जाना
यही रहा तो गैर फायदा उठाएंगे
फिर भगत और सुभाष कोई आएंगे

चलेंगे साथ तो धरा भी कांप जाएगी
हमारे दुश्मनों को नींद कहां आएगी
हम अपनी एकता से विश्व को हिलाएंगे
विश्व में तिरंगे का मान बढ़ाएंगे

हमारी एकता ही देश की ताकत है
हमारा धर्म देश की सुरक्षा नजाकत है
लड़ेंगे साथ हर एक जंग जीत जाएंगे
देश के लिए जान की बाजी लगाएंगे

जय हिंद, भारत माता की जय..!

Desh bhakti poems in hindi by rabindranath tagore

patriotic poem in hindi

डरो नहीं तुम बाधाओं से
हर डगर, बढ़ो ग्रीवा ताने

हर सांस लड़ो खातिर मिट्टी के
रहो कुर्बान देश के आगे
हर डगर,बढ़ो ग्रीवा ताने

देश तुम्हारे रग रग में
जुनून तुम्हारा अंग अंग
जज़्बात किसी के छलो नहीं
नि:छल लड़ो दुश्मन के आगे
हर डगर बढ़ो ग्रीवा ताने

मिट्टी से तुम तिलक लगाकर
दिल में हसता सरहद बसाकर
मां भारत से हंसकर कहना
खाकी है सम्मान हमारा
न कोई सपना देश के आगे
हर डगर बढ़ो ग्रीवा ताने

देश में जो शहीद हुए
सम्मान के वही हकदार हुए,
लक्ष्मी , चन्द्रशेखर, भगत, सुभाष
मां भारती के बहादुर लाल ये
झुके नहीं फिरंगियों के आगे

बस ये जहन में खयाल रखना
झुके तो, बस इंकलाब के आगे
हर डगर बढ़ो ग्रीवा ताने..!

सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता

patriotic poems in hindi

देश की रक्षा करने में
जो न सोते हैं दिन रात
वह सरहद के पहरेदार
न मानते हैं कभी हार

देश के लिए अपना घर छोड़
वीरान जगह पर रहते हैं
कड़ी धूप हो या ठंड
हर मुश्किल को सहते हैं

दुश्मनों से लड़कर
आगे हमेशा बढ़ते हैं
तूफानों से हार मान कर
कभी नहीं हटते हैं

देश के लिए अपनी जान
तक की परवाह ना करते हैं
सरहद पर देश की रक्षा करके
गोली सीने पर खाकर मरते हैं

भारत माता की रक्षा करना
हमेशा उनका अभिमान है
भारत माता के लाडलो को
दिल से हमारा सलाम है..!

Hindi poems desh bhakti

desh bhakti poetry in hindi

आजादी हो गई है बूढ़ी
उम्र हो गई साठ
आज के बच्चे कैसे समझे
देशभक्ति का पाठ

ना कोई बापू ना चाचा
ना इंकलाब का नारा
अब तो युवाओं को भाए
एश सुष्मिता लारा

अंग्रेजों ने भारत छोड़ा
अब हम भारत छोड़े
डॉलर डॉलर रट लगाकर
अमेरिका को दौड़े

कौन बहाए देश की खातिर
अपना खून पसीना
खुद को एनआरआई कहते
तान के अपना सीना

वंदे मातरम भूल गए हम
गाए तेरे सुरूर
जाने किस आजादी की खातिर
इतना करें गुरूर

देश को जकड़े हुए हैं
गरीबी और भ्रष्टाचार
आजादी का फिर भी
मनाए आज हम त्यौहार..!

poetry on patriotism in hindi

इश्क़ करो उन गलियों से
जिसमें तुम बचपन खेले थे
इश्क़ करो उस मिट्टी से
जहां लगे दशहरे के मेले थे

इश्क़ करो उन वादियों से
जहां से गंगा बहती है,
इश्क़ करो उन झांकियों से
जिसमें भारत मां रहती है

इश्क़ तो उनका सच्चा है
जो रहते सरहद की माटी पर
इश्क़ तो उनका पक्का है
जो बसते पर्वत और घाटी पर

उनके इश्क़ के आगे तेरी
आशिकी क्या है प्यारे,
जो आशिक़ की रक्षा खातिर
गोली खाते छाती पर

याद है वो आशिक़ जो
क्रांतिकारियों का सरताज हुआ,
आशिक़ की आज़ादी खातिर
जो खुद ही आज़ाद हुआ..!

अंग्रेजों को जिसने
एल्फ्रेड भूमि में गाड़ दिया,
और आखिरी बुलेट से जिसने
खुद को ही मार दिया!

चंद्रशेखर आजाद अमर रहे..!

देशभक्ति पर कविताएँ

patriotic poetry in hindi

जमीन को अपनी मां और
पिता को गगन कहते हैं
देश की खातिर
हर मुश्किल को सहते हैं

सीमाओं की सुरक्षा करके
हिफाजत की है हमारी
त्याग समर्पण साहस
उनके संस्कारों में बहते हैं

परिस्थितियां हो कैसी भी
कर्तव्य का पालन करते हैं
दुश्मनों को धूल चटाने
तान के सीना खड़े रहते हैं

परिवार के संग ना मनाते
कभी ईद और दीवाली
ताकि रहे सदा आंगन में
हमारे खुशियों की हरियाली

सीमाओं की रक्षा करने वाले
लिख गए नाम इतिहास में
चमक रहा है उनके बलिदान से
तिरंगा कश्मीर के आकाश में

कर्ज है ऐसा जिसे
हम कभी चुका नहीं पाएंगे
हां सच्चे सपूत है भारत मां के
फर्ज जरूर निभाएंगे..!

(Source : Amit A R Editing)

Final words on deshbhakti poem in hindi


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