आज की पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम varsha ritu par nibandh पढ़ेंगे। जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे हैं। आप हमारे इन निबंधो को स्कूल या कॉलेज में निबंध प्रतियोगिता में लिख सकतें है। और सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं। इसमें आपको वर्षा ऋतु का प्रस्तावना महत्व, दृश्य, फायदे, नुकसान, और निष्कर्ष पढ़ने को मिलेंगें। तो चलिए शुरू करतें है।
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 1 varsha ritu par nibandh](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/varsha-ritu-par-nibandh-1024x538.jpg)
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Varsha Ritu Par Nibandh – वर्षा ऋतु पर निबंध
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 2 10 lines on rainy season](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/10-lines-on-rainy-season.jpg)
वर्षा ऋतु का हमारे देश मे एक अलग ही महत्व है, वर्षा ऋतु विश्व के सभी जन-जीवन का आधार है । इस ऋतु मे मौसम बहुत प्यारा होता है। जिसके कारण सभी जीव-जंतु, जानवर और मनुष्यों का मन आनन्दित हो उठता है।
प्रस्तावना
भारत देश मे प्रकृति की एक अलग पहचान है। भारत एनेक विभिन्नताओं वाला देश है। जिसके कारण हमारी ऋतु मे भी विभिन्नता है। हमारी 6 ऋतुओ मे शीत (सर्दी), ग्रीष्म (गर्मी), वर्षा (हेमन्त) बसंत और शिशिर शामिल है। इन सभी ऋतुओ मे वर्षा ऋतु का एक अलग ही स्थान है ए क्योंकि इस ऋतु मे मौसम बहुत शांत ओर खुशनुमा होता है।
वर्षा ऋतु का आगमन –
हिन्दी पंचांग के अनुसार सावन-भादों के महीने मे वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है।
बच्चो से लेकर बूढ़ो तक ओर जानवरो से लेकर जीव-जंतु तक सभी इस ऋतु का बेसब्री से इंतजार करते है। वर्षा ऋतु मे पूरी प्रकृति की काया पलट हो जाती है। क्योंकि प्रकृति के सारे रंग हमे बारिश मे देखने को मिलते है।
जंगल के सभी पेड-पौधे फिर से अंकुरित हो जाते है। जिस से पशु-पक्षियों ओर जीव-जन्तु को खाने के लिए पेड-पौधे ओर घास मिल जाती है।
इसके अलावा भारत एक कृषि प्रधान देश है। ओर भारत का एक बड़ा वर्ग खेती करता है। इसीलिए यह ऋतु हमारे लिए ओर भी महत्व रखती ह। कई बार इस ऋतु मे भारी तूफान आ जाते हैए जिससे लोगो को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन फिर भी लोगो को यही ऋतु सबसे ज्यादा पसंद है। क्योकि वर्षा ऋतु पर ही कई देशो की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है।
वर्षा ऋतु का महत्व –
वर्षा ऋतु को भारत मे अथवाचातुर्मास, चौमास, वर्षोमास ओर वर्षाकाल के नामों से भी पुकारा जाता है। भारत के सभी ऋतुओ मे वर्षा ऋतु सबसे प्रिय है। जब भी यह ऋतु आगमन होता है तब धरती मे रहने वाला हर जीव खुशी से झूम उठता है।
क्योकी भारत एक गर्म प्रादेशिक क्षेत्र में आता है। जिसके कारण यहाँ गरमी भी बहुत ज्यादा पड़ती है। कई जगहो पर तो इतनी ज्यादा गरमी पड़ती है की पीने के पानी का भी अभाव होता है।
भारत मे ज़्यादातर लोग खेती पर निर्भर रहते है। जब बारिश होती है तो किसान खुशी के मारे झूम उठते हैं। वो अपने खेतो मे बीजारोपण और सिंचाई की शुरुआत करते हैं। इसकी वजह से भी लोग बहुत बेसब्री से वर्षा का इंतजार करते है।
किसान बारिश की पानी का फिर से उपयोग करने के लिए अपने खेतो के आस-पास कई तालाब ओर गड्ढे बनाते है। उसमे वर्षा के पानी को संग्रह करते है। भारत के कई राज्यो मे इंद्र भगवान ओर वर्षा देव की पूजा भी की जाती हैं।
बारिश के मौसम मे चारो ओर हरियाली ओर खुशहाली छा जाती है। मानो प्रकृति ने एक नया रूप धारण किया हो। कई लोग बाग-बगीचे ओर खेत-खलिहान मे जाकर हरियाली का मज़ा लेते हैं। बारिश की छोटी-छोटी बुंदे जब पेड़ो की हरी पत्तियों पर पड़ती है तो हमको ऐसा दृश्य देखने को मिलता हे मानो मोती झड़ रहे हो।
एक अच्छी बारिश पानी के सभी स्त्रोत को लबालब भर देती हैं । इसकी वजह से धरती पर रहने वाले सभी मनुष्य, पशु-पक्षी ओर जीव जंतुओं को अपार मीठा जल मिलता है। धरती का भू-गर्भ जल स्तर भी बढ़ जाता है।
आप ऐसा भी मान सकते है की, वर्षा ऋतु दुनिया को जीवन देती है। एक माँ की तरह विश्व के सभी जीवो को पालती है। क्योंकि यही ऋतु एक प्यासे को पानी पिलाती है ओर फसल को उगाने मे हमारी मदद करती है। इसीलिए तो इस ऋतु को ऋतु रानी का दर्जा दिया गया है।
कई बच्चे गर्मियों की वजह से अपने घर से नहीं निकलते। लेकिन बारिश की पहली बूंद से ही बच्चे मस्ती के मूड मे आ जाते है, खूब नाचते है। इस तरह वर्षा ऋतु हम सब के लिए बहुत महत्व रखती है।
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 3 hindi essay on varsha ritu for class 5](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/hindi-essay-on-varsha-ritu-for-class-5.jpg)
वर्षा ऋतु के फायदे –
अगर हम वर्षा ऋतु के लाभों को लिखने बेठे तो एक पूरा निबंध लिख सकते है। लेकिन यहा हम इसके कुछ ही फ़ायदों को जानेंगे।
वैसे तो यह ऋतु सभी के लिए बहुत लाभदायक है, लेकिन एक किसान के लिए यह एक वरदान है।
क्योंकि गर्मियों की कड़ी धूप मे यह किसान अपने खेतो मे काम करते है। अंत मे फसल तैयार करने के लिए सिर्फ बारिश का इंतजार करते है और जब बारिश आती है तब किसानों की खुशी अलग ही होती है।
हमारी कुल अर्थव्यवस्था मे 70% से अधिक आमदनी कृषि से होती है।
जब वर्षा ही नहीं होगी तो हम अनाज फल-फूल कहां से उगाएँगे। सभी वस्तुओ के दाम भी तेजी से बढ़ेंगे, और इसका सीधा असर देश के गरीब लोगो ओर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
इसके अलावा पर्यावरण को सही चलने के लिए वर्षा ऋतु का होना जरूरी है। क्योकि एक बार भी बारिश ना आए और सूखा पडे तो पर्यावरण का पूरा तंत्र बिगड़ जाएगा। दुनिया के सभी लोग पानी के लिए त्राहिमाम मचा देंगे। पृथ्वी पर हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा।
गर्मीयो के ऊंचे तापमान की वजह से पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है । मानव द्वारा भी भूगर्भ जल का अधिक मात्रा मे शोषण किया जाता है। इन दोनों प्रकीया से पानी मे बहुत खपत होती है।
लेकिन वर्षा ऋतु की मुशलधार बारिश की वजह से फिर भूगर्भ जल का स्तर बढ़ जाता है। कुएँ तालाब, नदियों आदि जल स्रोतों मे पानी का प्रमाण बढ़ता है। इससे तापमान में भी बहुत कमी आती है।
वर्षा ऋतु के नुकसान –
वर्षा ऋतु के कुछ नुकसान भी हैं। लेकिन वर्षा ऋतु तभी हमको हानी पहुँचाती है जब तक हम कुछ प्रकृति के खिलाफ कोई कार्य करे।
मानव द्वारा कुछ खतरनाक कार्यो से ही हमको वर्षा ऋतु के घातक परिणाम देखने को मिलते है। उसमे सबसे पहला नुकसान वर्षा ऋतु की मौसमी बीमारियां है। खांसी, मलेरिया, जुकाम, हैजा ओर त्वचा संबंधी रोग वर्षा ऋतु मे बहुत ज्यादा होते है।
इसके अलावा कई बार ज्यादा बारिश होने की वजह से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। इसमे कई लोगो की जाने जाती हे ओर माली नुकसान तो बहुत ज्यादा होता है। पूरे के पूरे खेत बारिश के पानी मे डूब जाते हैं। कई किसान तो ऐसा सदमा सह नहीं सकते ओर लाचार होकर आत्महत्या कर लेते है। लेकिन फिर भी वर्षा ऋतु के लाभ-फायदे ज्यादा ओर हानी-नुकसान कम होता है।
निष्कर्ष -किसी भी देश के जीवन का आधार उस देश मैं होने वाली वर्षा ही है। इस ऋतु के कारण लोगो के अंदर हर्षो-उल्लास की तरंग दौड़ उठती है। किसी भी मनुष्य का मन हरियाली को देख कर प्रफुल्लित हो जाता है। किसान अपने खेतों में लहराती फसल को देख कर बहुत खुश होता है। ये एक कहावत भी है कीए जिस देश का किसान खुश होता है वह देश का हर नागरिक खुश होता है।
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Varsha Ritu Nibandh – वर्षा ऋतु निबंध
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 4 varsha ritu essay](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/varsha-ritu-essay.jpg)
प्रस्तावना
वर्षा ऋतु का आगमन हमारे देश में जुलाई में होता है जो सितंबर तक चलता है वर्षा ऋतु मनुष्य के साथ पेड़ पौधों और जीव जगत कोएक नया उत्साह दे जाता है। वर्षा ऋतु में गर्मी के कारण सूखे पड़े नदी तालाब और महासागर फिर खिल उठते है और पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है। किसान वर्ग को वर्षा ऋतु का बेशब्री से इंतजार रहता है।
इस ऋतु के आने के पश्चात किसान अपने खेत में नई फसल की पैदावार करते हैं। वर्षा होने के कारण धूल भरी आंधियों से निजात मिल जाती है।
वर्षा ऋतु का महत्व
धरती पर जीवन बचाए रहने के लिए पानी की अत्यंत अवश्यकता होती हैं। पानी का बहाव तो हमेशा पहाड़ी इलाके से मैदान की तरफ और फिर समंदर में होता हैं। बारिश से समंदर का पानी फिर से पहाड़ी इलाके में पहुँचाने के लिए मदत होती हैं। गर्मी के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होने की वजह से माहौल फिर से खुशहाल बन जाता हैं। अगर हम हमारे देश की बात करें तो भारत में मानसून की वजह से बारिश होती हैं जो देश के पश्चिमी तट से होकर फिर उत्तर-पूर्व की तरफ जाती हैं।
हमारे जीवन में वर्षा ऋतु का महत्व उतना ही है जितना अन्य ऋतुओं का है। यह ऋतु जब शुरू होती है तो हमें तेज गर्मी से राहत मिलती है और इससे पेड़ पौधों को बहुत फायदा होता है। ऐसा मान सकते हैं कि सभी को एक नया जीवन मिल गया हो।
हिंदू धर्म में इंद्र भगवान को वर्षा ऋतु का भगवान माना जाता हैं इसीलिए बारिश के मौसम की शुरुवात होतें ही इंद्र भगवान की पूजा की जाती हैं। लोग पुरातन काल से तरह-तरह से वर्षा का आनंद लेते आए हैं। जैसे गाँव-गाँव में युवतिया सावन के झूलों का आनंद लेती दिखाई देती हैं। रक्षाबंधन जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। वेद पठन का कार्यक्रम हर गाँव-शहर में किए जाते हैं।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। इसके लिए वर्षा ऋतु अपना अहम योगदान अदा करती है। वर्षा ऋतु में सभी किसानों के चहरे खिल उठते हैं। सभी किसान खुशी-खुशी अपने खेतों में फसल की पैदावार करते हैं और उसे अच्छे दामों में बेचते हैं। जिसके कारण उनकी आमदनी हो जाती है।
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 5 essay on rain in hindi](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/essay-on-rain-in-hindi.jpg)
वर्षा ऋतु के फायदे
- पहले तो वर्षा ऋतु के आगमन से ही मौसम खुशमिजास हो जाता हैं क्योंकि इससे मौसम से गर्मी हटकर ठंडक का एहसास मिलता हैं।
- इसके कारण हमें चिलचिलाती और कड़कड़ाती धूप से निजात मिलती हैं।
- चारों ओर वातावरण हराभरा हो जाता है। पेड़ और पौधे खिल उठते हैं।
- नदी और तालाब पानी से भर जाते हैं जिसके कारण वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती हैं।
- वर्षा के कारण किसानों को सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त मात्रा मैं मिल जाता हैं।
- सभी सजीव की खाने की समस्या को पूरा करने में वर्षा से ही मदद होती हैं।
वर्षा ऋतु के नुकसान
- लगातार गिरने वाली बारिश की वजह से हमारे चारों तरफ कीचड़ जमा हो जाता हैं जिससे बाहर घूमने में दिक्कत होती हैं।
- बारिश से पहले आनेवाली आंधी और तूफान से लोगों के घरए पशुए पक्षी और इंसान के जान को भी खतरा पहुंचता हैं।
- वर्षा ऋतु में बाढ़ आने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
- बाढ़ में फसल डूबने के कारण खेती का नुकसान हो जाता हैं।
- गढ़ों में पानी भर जाने के कारण अधिक संख्या में मच्छर पैदा हो जाते हैं।
- रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
निष्कर्ष – वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली और आकाश में नीले बादलों में इन्द्रधनुष दिखाई देता है जो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। सुहाने मौसम में पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनने को मिलती है और मोर के पंख फैलाकर झुमने लग जाते हैं। चारों तरफ आनंद और उल्लास छा जाता है।
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प्रस्तावना
वर्षा ऋतु के नाम से ही मन झूमने लगता है। ग्रीष्म ऋतु के बाद में आने वाली वर्षा ऋतु प्रकृति में बहुत बदलाव कर जाती है। ग्रीष्म ऋतु में तेज कड़कड़ाती धूप से सभी लोग, जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं। लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार होने लग जाता है। सभी इसके आने से पहले अपनी तैयारियों में लग जाते हैं।
वर्षा ऋतु का आगमन
मई और जून के महीने में गर्मी अपने पूरे प्रकोप में होती है। इसके कारण नदी, तालाब, महासागर आदि सूख जाते हैं और धरती पर पानी की कमी होने लगती है। इसके कारण प्रकृति में मौजूद पेड़-पौधे सूखने लगते हैं और जीव-जन्तु प्यास से बिलखने लगते है। तेज गर्म हवाएं आंधियों के रूप में चलने लगती है।
तापमान अधिक होने के कारण नदियों, तालाबों आदि का पानी भाप के रूप में आसामान में बादल के रूप में जमा होने लगता है। जब हवाओं के साथ बादल चलते है तो आपस में एक दूसरे से टकराते है या फिर आपस घर्षण करते हैं तो तेज गर्जनाहट होती है। और आकाशीय बिजली कड़कड़ाती है। फिर वर्षा होनी शुरू होती है।
वर्षा ऋतु का दृश्य
जब वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है तो पूरे नीले आसमान में चमकदार और सफेद बादल आ जाते हैं। वर्षा ऋतु के दौरान इन्द्रधनुष भी आसमान में दिखाई देने लगता है। वर्षा होने के बाद पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है और चारों ओर पेड़-पौधों पर हरियाली अपना कब्ज़ा जमा लेती है। सभी खेत फसलों से लहराने लगते हैं। जैसे ही पृथ्वी पर बूँदें पड़ने लगती है वैसे ही पृथ्वी से अद्भुत भीनी-भीनी सुगंध उठने लगती है। वृक्षों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं।
सभी ओर पक्षियों की चहचहाट सुनने को मिलती है और मोर इस मौसम में मोर पंख फैलाकर नाचने लगते है। सभी पक्षियों के साथ ही सभी जानवरों में वर्षा ऋतु की खुशी देखने को मिलती है।
वर्षा ऋतु मे मक्का, सोयाबीन, मूंग, धान, कपास, गन्ना, मूंगफली, बाजरा ओर ज्वार जैसे कई फसलों को उगाया जाता हैं । वर्षा ऋतु के प्रमुख फल और सब्जियों में नाशपाती, परवल, जामुन, आदु, लौकी, भिंडी, प्लम ओर करेला शामिल हैं।
सारी प्रकृति एक नयी उमंग और एक नया रूप धारण कर नये जीवन का अभिनंदन करती है। सूखी नदियां किनारों को तोड़ती-मरोड़ती आगे बढ़ती हैं। और कभी-कभी किनारों के पेड़-पौधों को उखाड़-पछाड़कर गिराने लगती हैं।
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 7 10 lines on rainy season in hindi](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/10-lines-on-rainy-season-in-hindi.jpg)
वर्षा ऋतु का महत्त्व
हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए इस देश में वर्षा का होना बहुत जरूरी है। जब किसी वर्ष में वर्षा कम होती है तो हमारे देश की हालत बहुत खराब हो जाती है, वर्षा ना होने से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को होता है।
सभी ऋतुओं का अपना अपना महत्व है। इसी प्रकार वर्षा ऋतु का महत्त्व भी अलग है। यह तो हम जानते ही है कि जल है तो जीवन है, और जल ही जीवन है। हमारे जीवन में जल सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यदि यह नहीं होगा तो जीवन संभव नहीं है। इसलिए यदि वर्षा नहीं होगी तो धरती पर पानी की कमी हो जाएगी और अकाल का सामना करना पड़ेगा।
जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए वर्षा ऋतु बहुत ही अहम योगदान देती है। उनके लिए पीने के लिए पानी और खाने के लिए पेड़-पौधे, झाड़ियां आदि वर्षा से ही संभव है।
भारत कृषि प्रधान देश हैए भारत की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आश्रित है। इसके लिए वर्षा का होना बहुत ही जरुरी है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष योगदान है। यदि फसल की अच्छी पैदावार होगी तो सभी को किसानों को अधिक आमदनी होगी। यह सभी वर्षा से ही संभव है।
वर्षा ऋतु के दौरान आने वाले त्योहार
भारत एक ऐसा देश है जहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। विश्व में सबसे अधिक त्यौहार भारत देश में मनाये जाते है। कई त्यौहार ऋतुओं के आधार पर भी मनाये जाते हैं।
जन्माष्टमी, तीज, रक्षाबंधन, ईद उल जुहा, मुहर्रम, ओणम, गणेश पूजा, प्रकाश वर्ष आदि त्यौहार वर्षा ऋतु के दौरान मनाये जाने वाले त्यौहार है। इसलिए वर्षा ऋतु को तीज-त्योहारों का मौसम भी कहा जाता है।
वर्षा न होने से नुकसान –
वर्षा न होने से कई तरह की परशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। जैसे वर्षा न होने से सूखा पड़ जाता है क्यूकि वर्षा न होने के कारण तालाबों व नदियों में पानी की मात्रा का कम होना और कुछ तालाबों का सूख जाना जिससे कई जानवर प्यासे मर जाते है। और खेतों में पानी भरपूर रूप से नहीं पहुंच पता है। जिससे खेती अधिक अच्छी नहीं हो पाती और कारणवश आनाज व साख-सब्जिओं के मूल्य बढ़ जाते है, और महंगाई बढ़ जाती है, जो एक बड़ी समस्या का रूप ले लेती है।
सूखे से हर तरफ भूखमरी फैल जाती है क्योंकि जब खेती बर्बाद हो जाती हैं, तो देश का सारा खाद्यान्न समाप्त होने लगता हैं। लोगों से रोजगार छिन जाते हैं तथा गाँवों में अनाज, दालो, तिलहन आदि का उत्पादन समाप्त हो जाता हैं। कितने ही लोग मौत का ग्रास बन जाते हैं।
सूखे से सबसे अधिक नुकसान मवेशियों को होता हैं। क्योंकि आदमी तो शहर में जाकर काम कर सकते हैं, किन्तु मवेशी का क्या किया जाए। जब इन्सानों को ही खाने के लिए मिलना मुश्किल हो जाता हैं तो मवेशियों की देखभाल कैसे हो सूखे के पश्चात् अनेक बीमारियाँ फैल जाती हैं ऐसे में पैसे के अभाव में इलाज भी नहीं हो पाता तथा हजारों लोग मर जाते हैं।
निष्कर्ष- वर्षा ऋतु का निष्कर्ष यह निकलता है कि प्रकर्ति की सुंदरता का एहसास इस मौसम से पता लगता है। और इस सुंदरता को बनाये रखने के लिए जरुरी है की मानव प्रकर्ति को प्रदूषित न करें क्यूकि जितना नुक्सान मानव प्रकर्ति को पहुंचाएगा उसे ज्यादा नुक्सान मानव का ही होगा और हो भी रहा है जैसे महामारी और सूखा आदि। इसलिए जरुरी हैं प्रकर्ति को नुक्सान न पहुंचाया जाए।
Varsha Ritu Essay In Hindi – वर्षा ऋतु निबंध इन हिंदी
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 8 varsha ritu par anuched](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/varsha-ritu-par-anuched.jpg)
प्रस्तावना
वर्षा ऋतु का इंतज़ार सबको रहता है। मई और जून की झुलसा देने वाली ग्रीष्म ऋतु के बाद बारिश का आगमन होता है। यह ऋतु तपती धरती की प्यास बुझाकर मौसम में ठंडक घोल देती है। वर्षा ऋतु ही निश्चित करती है कि अकाल होगा या सुकाल आयेगा। किसान लोग बारिश का सबसे ज्यादा इंतेज़ार करते है।
धरती पर चार ऋतु आती है जिसमे से वर्षा ऋतु एक है। बारिश के मौसम का आगमन जुलाई माह से होता है। यह मौसम सितंबर माह तक रहता है। आषाढ़, श्रावण और भादो बारिश के ही हिन्दू महीने है। मानसून का आगमन भारत मे केरल के तट से होता है। दक्षिणी पश्चिमी मानसूनी हवाएं बादलों को उड़ाकर ले आती है।
बारिश आने का मुख्य कारण हवाओ के बहने की दिशा होती है। हवा उच्च वायु दाब क्षेत्र से निम्न वायुदाब क्षेत्र की और बहती है। महासागरों से जल भाप बनकर ऊपर की तरफ उठता है। बादल का रूप लेकर यह हवाओ की दिशा में बहता है। गर्मियों में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता है। हिन्द महासागर के क्षेत्र में उच्च वायुदाब रहता है | क्योंकि यह एक ठंडा क्षेत्र है। इसलिये हिन्द महासागर में बने वर्षा के बादल निम्न वायुदाब क्षेत्र में प्रवेश करते है।
वर्षा ऋतु का महत्व
बारिश के दिनों में धरती बहुत सुंदर और निर्मल दिखाई देती है। धरती पर चारो और हरियाली छा जाती है। बादलों के गरजने की आवाज सुनाई देती है। इंद्रधनुष भी अमूमन बारिश के मौसम में दिखाई पड़ता है। पोधो पर पुष्प लगने शुरू हो जाते है। नदियों और तालाबो में पानी भर जाता है। पानी जीवन के लिए अमृत के समान होता है। बादल बारिश के मौसम में इस अमृत रूपी जल को दुनिया के कोने कोने तक ले जाते है। सूरज की गर्मी से तपती धरा को पानी से भर देती है।
किसानों के लिए वर्षा ऋतु का विशेष महत्व है। खेती करने के लिए किसानों को पानी की आवश्यकता होती है। फसलें बिना पानी के पनपती नहीं है। खेतो में सिंचाई के लिए वर्षा ऋतु का जल आवश्यक होता है। पशु पक्षियों के लिए पानी का एकमात्र जरिया नदिया और तालाब है। बारिश से तालाब भर जाते है जिससे जीवो को पानी की आपूर्ति होती है। कई ऐसे जीव जो गर्मियों में छिपे रहते है वो बारिश में बाहर निकलते है जैसे कि मेंढक जीव।
वर्षा ऋतु पिकनिक का सीजन भी कहलाती है। लोग पिकनिक मनाने के लिए बारिश के मौसम में बाहर निकलते है। बारिश का मौसम सुहावना होता है जिससे मन प्रफुल्लित रहता है।
बारिश का मौसम अपने साथ कई मुश्किलें भी लाता है। बारिश में जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। अतिवृष्टि होने से बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते है। बाढ़ से सड़के, पुल, रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो सकते है। इससे आवाजाही बाधित हो जाती है। खड़ी फसल नष्ट हो जाती है जिससे किसानों की मेहनत बेकार चली जाती है। जन और धन की हानि होती है।
केरल में आयी बाढ़ इसी अतिवृष्टि का एक उदाहरण है। कम वर्षा होने पर अकाल की संभावना हो जाती है। पीने के लिए पानी और खाने के लिए अन्न नहीं होता है। अकाल की वजह से कई पशु पक्षी मारे जाते है। ज्यादा वर्षा या कम वर्षा दोनों ही जन जीवन के लिए हानिकारक है। लेकिन बिना वर्षा के जीवन भी नही है। वर्षा ऋतु मनुष्य के लिए ईश्वर का एक वरदान है।
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 9 varsha ritu par 10 line](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/varsha-ritu-par-10-line.jpg)
बारिश के दौरान इंद्रधनुष का दृश्य
यह एक ऐसी ऋतु है जिसमें इंद्रधनुष देखने को मिलता है, बहुत से लोगो का इंद्रधनुष देखने का सपना होता है । पर इंद्रधनुष केवल वर्षा ऋतु में ही दिखता है सात रंगो का ये दृश्य मन मोहित करने वाला होता है। प्रकृति के इस मनभावन दृश्य को देखने के लिए अनेक लोग सालों इंतज़ार करतें हैं। इन्द्रधनुष देखने में बहुत सुंदर और आकर्षक लगता हैं। इसे ज्यादातर तो बच्चे लोग पसंद करते हैं। इन्द्रधनुष को अंग्रेजी में रेनबो कहा जाता हैं।हमारे हिन्दू धर्म में इसे इंद्र देवता का धनुष कहा जाता हैं। क्योंकी इन्द्रदेव को बारिश के देवता माने जाते हैं। यह इन्द्रधनुष बारिश के मौसम में नजर आता हैं।
निष्कर्ष– वर्षा का होना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि वर्षा नहीं होगी तो हमारा पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा। अधिक वर्षा के होने के काफी सारे नुकसान तो होते ही है लेकिन हमारे जीवन के लिए वर्षा का होना बहुत ही जरूरी है। इससे काफी लोगों की आमदनी होती है और यह देश की अर्थव्यवस्था में भी सहयोग करती है।
Varsha Ritu Nibandh In Hindi – वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद
![वर्षा ऋतु पर निबंध | [09]+ Varsha Ritu Par Nibandh (2022) 10 varsha ritu par lekh](https://hindify.org/wp-content/uploads/2021/06/varsha-ritu-par-lekh.jpg)
हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।
1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।
वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। । इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं।
यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।
मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।
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