Sangya kise kahate hain : हैलो दोस्तो हिन्दी व्याकरण की आज की पोस्ट मे हम आपको संज्ञा की परिभाषा, भेद, प्रकार एवं उदाहरण के बारे मे पुरे विस्तार से बताएंगे ये विषय हिंदी व्याकरण में बहुत महत्व रखता हैं। Sangya (संज्ञा) के ज्ञान से हिंदी वाक्य को समझने में आसानी होती हैं। दोस्तों अधिकतर कई प्रतियोगी परीक्षा में संज्ञा से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। जिसका उत्तर आप तभी दे पाएंगे जब आपको संज्ञा का सम्पूर्ण ज्ञान हो।
यहाँ आप पढ़ेंगे संज्ञा किसे कहते है, Sangya Kise Hain, sangya ke kitne bhed hote hain, sangya ke prakar, संज्ञा के कितने भेद होते हैं, sangya ke prakar.

इस पोस्ट में हमने बहुत ही आसान भाषा व अलग-अलग उदाहरणो के माध्यम से संज्ञा को समझाने का प्रयास किया है। जिससे सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि जो छोटे क्लास के बच्चे हैं उनको भी आसानी से समझ आ जाए। तो दोस्तों इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
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संज्ञा की परिभाषा Sangya kise kahate hain –
किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति ,भाव ,गुण या दशा के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे- मनुष्य (व्यक्ति), भारत (स्थान), मिठास (भाव) किताब या कुर्सी (वस्तु) आदि।
संज्ञा के उदाहरण Sangya ke udaharan –
▪ “आगरा” एक सुंदर जगह है = आगरा स्थान का नाम है।
▪ “आम” मे मिठास है = आम फल का नाम है।
▪ “अमित ” स्कूल जा रहा है = अमित व्यक्ति का नाम है।

संज्ञा के भेद Sangya ke bhed –
प्रयोग के आधार पर संज्ञा के भेद तीन प्रकार के होते है –
▪ भाववाचक संज्ञा
▪ जातिवाचक संज्ञा
▪ व्यक्तिवाचक संज्ञा
अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद दो प्रकार के होते है –
▪ द्रव्यवाचक संज्ञा
▪ समूहवाचक संज्ञा
आइये सभी भेदों को उदाहरण के साथ समझते हैं –

व्यक्तिवाचक संज्ञा Vyakti vachak sangya –
ऐसे शब्द जो हमें किसी भी व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं उन्हे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- भारत, नैनीताल (स्थान), पेन, कुर्सी (वस्तु), दीपक, सुमित (व्यक्ति) आदि।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण Vyakti Vachak Sangya Ke Udaharan-
▪ विपिन काम कर रहा है।
▪ नेरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री है।
▪ सचिन तेंदुलकर एक महान क्रिकेटर है।
▪ रामायण एक महान ग्रन्थ है।
▪ गंगा भारत की प्रमुख नदी है।
ऊपर दिये गये वाक्यों में विपिन, भारत, रामायण व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द कहलायेंगें। क्योंकि ये शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण-
▪ गौरव ने खाना खाया।
यहाँ पर गौरव व्यक्ति का नाम है इसलिये यह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
▪ हिमालय पर्वत पर चढ़ाई करना बहुत ही साहस का कार्य है।
यहाँ पर हिमालय एक पर्वत का नाम है अर्थात हिमालय एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
▪ मुझे पुस्तक पढ़ना बहुत पसंद है।
यहाँ पर पुस्तक एक वस्तु का नाम है अर्थात यह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
▪ अमिताभ बच्चन एक महान कलाकार हैं।
यहाँ पर अमिताभ बच्चन एक व्यक्ति का नाम है इसलिये यह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
यह भी पढ़ें –
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▪ पेड़ों के नाम
▪ भारत के राष्ट्रपतियों की सूची
▪ पक्षियों के नाम
▪ धातुओं के नाम हिंदी
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भाववाचक संज्ञा Bhav vachak sangya –
ऐसे शब्द जो हमें किसी वस्तु या पदार्थ की अवस्था, दशा, भाव, गुण या दोष का बोध कराते हैं ऐसे शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- मिठास, बचपन, बुढ़ापा, सुन्दरता,परायापन आदि।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण Bhav vachak sangya ke udaharan-
▪ मुझे ज्यादा चलने से थकान हो जाती है।
▪ सरिता की आवाज बहुत मिठास से भरी है।
▪ मेरा पूरा बचपन खेलने और कूदने में बिता है।
▪ तुम्हारी आँखों में मुझे बहुत क्रोध नजर आता है।
▪ लगातार परिश्रम करने से अवश्य सफलता मिलती है।
ऊपर दिये गये वाक्यों में थकान, मिठास, क्रोध, बचपन व सफलता से अलग-अलग भाव व्यक्त हो रहे हैं इसलिये ये भाववाचक संज्ञा शब्द कहलाते हैं।
भाववाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण-
▪ बुढ़ापा – एक अवस्था है इसलिये यह भाववाचक संज्ञा है।
▪ हर्ष – हर्ष एक भाव या दशा है।
▪ मोटापा – मोटापा एक अवस्था है इसलिये यह एक भाववाचक संज्ञा है।
▪ पतलापन – पतलापन एक अवस्था है इसलिये यह एक भाववाचक संज्ञा है।

द्रव्यवाचक संज्ञा Dravya vachak sangya –
ऐसे शब्द जो किसी द्रव्य, धातु, सामाग्री या पदार्थ का बोध कराते हैं वह द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- पानी, तेल, कोयला, घी आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण Dravya vachak sangya ke udaharan-
▪ मुझे पानी पीना है।
▪ चाँदी के आभूषण सुंदर होते है।
▪ सोने के आभूषण बहुत महंगे हैं।
▪ दो किलो तेल लेकर आओ।
▪ लोहा बहुत कठोर होता है।
ऊपर दिये गये वाक्यों में सोना, पानी, तेल, हीरा, लोहा, चीनी आदि शब्दों में किसी द्रव्य का बोध हो रहा है इसलिये ये द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द कहलाते हैं।
द्रव्यवाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण-
▪ तांबा– तांबा एक धातु है।
▪ गेहूँ– गेहूँ एक भोजन की सामाग्री है।
▪ ऊन– ऊन से ऊनी वस्त्र बनते है।

जातिवाचक संज्ञा Jati Vachak Sangya –
ऐसे शब्द जो किसी व्यक्ति स्थान या स्थान की जाति का बोध कराते हैं जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- टीवी, फ्रिज, किताब (वस्तु), गाँव, शहर (स्थान), पक्षी, जानवर, कुत्ता (प्राणी) आदि।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण Jati vachak sangya ke udaharan-
▪ पक्षी पेड़ों पर बैठते हैं।
▪ मैदान में बच्चे खेलते है।
▪ देश की जनसंख्या बढ़ रही है।
▪ मनुष्य सभी प्रजातियों में सबसे महान है।
▪ शेर हिरन का शिकार करते हैं।
ऊपर दिये गये वाक्यों में पक्षी, बच्चे, प्रजाति, देश आदि शब्द जातिवाचक संज्ञा शब्द कहलायेंगें क्योंकि ये किसी विशेष बच्चे या पक्षी का बोध न कराकर सभी बच्चों व पक्षियों अर्थात सम्पूर्ण जाति का बोध कराते हैं।
जातिवाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण-
▪ लड़के मैदान में खेल रहे हैं।
यहाँ पर कई लड़के हो सकते हैं अर्थात हम कह सकते हैं कि लड़के जातिवाचक संज्ञा है जो कि लड़के के जाति का बोध करा रहे हैं।
▪ सब्जियां हमारे स्वास्थ्य के लिये पौष्टिक होती हैं।
यहाँ पर सब्जी जातिवाचक शब्द है जो कि सब्जियों के नामों की जाति का बोध करा रहा है।

समूहवाचक संज्ञा Samuh vachak sangya –
ऐसे शब्द जिनसे किसी भी व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- सेना, झुंड, भीड़ या पुस्तकालय आदि।
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण Samuh vachak sangya ke udaharan-
▪ आज मैंने 2 दर्जन आम खरीदे।
▪ हाथी हमेशा झुंड में ही रहते हैं।
▪ हमें भारतीय सेना पर गर्व है।
▪ मैंने आज एक अंगूरों का गुच्छा खाया।
▪ मैंने बधाई के रूप में उसको फूलों का गुलदस्ता दिया है।
ऊपर दिये गये वाक्यों में गुच्छा, झुंड, सेना, दर्जन आदि एक समूह का बोध करा रहे हैं इसलिये ये समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा शब्द कहलाते हैं।
समूहवाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण-
▪ परिवार- एक परिवार में अनेक सदस्य हो सकते हैं यहाँ तक कि 2-3 पीढ़ियां भी।
▪ पुस्तकालय- पुस्तकालय में अनेक पुस्तकें होती हैं। यहाँ पर किसी एक पुस्तक के बारे में नहीं कहा गया है।
▪ दल- अनेक व्यक्तियों से मिलकर एक दल या समूह का निर्माण होता है।
▪ समीति- अनेक व्यक्तियों से मिलकर एक समीति या समूह का निर्माण होता है।
▪ आयोग- आयोग का गठन किसी खास उद्वेश्य से किया जाता है। इसमें कई व्यक्ति शामिल होते हैं।

संज्ञा की पहचान Identification Of Noun-
संज्ञा को निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है- कुछ शब्द प्राणी वाचक होते हैं और कुछ अप्राणी वाचक।
प्राणीवाचक शब्द Paryayvachi shabd –
ऐसे शब्द जिससे किसी सजीव वस्तु का बोध हो अर्थात जिसमें प्राण हो उसे प्राणवाचक संज्ञा कहते हैं।
1. लड़का
2. गाय
3. प्रमोद
4. पक्षी
उपरोक्त सभी में प्राण है जिस कारण यह प्राणीवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
अप्राणीवाचक शब्द Non descriptor word-
ऐसे शब्द या वस्तु जिसमें प्राण ना हो उसे अप्राणिवाचक संज्ञा कहते हैं।
1. मकान
2. रेलगाड़ी
3. पर्वत
4. पुस्तक आदि।
उपरोक्त शब्दों में प्राण अथवा सजीवता नहीं है इसलिये यह अप्राणिवाचक संज्ञा हैं।
गणनीय– जिस वस्तु, पदार्थ, व्यक्ति आदि की गणना की जा सकती है अथवा उनकी संख्या ज्ञात की जा सकती है वे शब्द गणनीय संज्ञा कहलाते हैं जैसे- व्यक्ति, पुस्तक, जानवर आदि।
अगणनीय– जिस वस्तु, पदार्थ या व्यक्ति की गणना नहीं की जा सकती या उनकी संख्या ज्ञात नहीं की जा सकती है वे शब्द अगणनीय संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- हवा, पानी, मित्रता आदि की गणना नहीं की जा सकती है।
संज्ञा से भाववाचक शब्दों का निर्माण-
▪ पशु- पशुत्व
▪ पात्र = पात्रता
▪ वकील = वकालत
▪ मित्र- मित्रता
▪ बंधु- बंधुत्व
▪ दास- दासत्व
▪ पंडित- पांडित्य
▪ क्षत्रिय- क्षत्रित्व
▪ सती- सतीत्व
निष्कर्ष Conclusion
आज की हमारी पोस्ट sangya kise kahate hain को पढने के लिए धन्यवाद हमारी ये पोस्ट कैसी लगी कमेट करके जरुर बताऐ और इसी तरह हम आपके लिए हिन्दी व्याकरण से सम्बधित अलग अलग विषय पर नई पोस्ट लाते रहेंगे।
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