बारिश पर कविताएं | Poem on Rain in Hindi (2022)

Poem on rain in hindi : नमस्कार दोस्तो आज हम इस आर्टिकल में आपके लिए में लाए हैं वर्षा ऋतू पर अनमोल कविताएं। वर्ष की सारी ऋतुओ में से वर्षा ऋतू सबसे सुहावनी होती है। क्योंकि इस ऋतु में खूब बारिश होती है। इस मौसम में चारो तरफ हरियाली हो जाती है। जो मन को लुभाती है, ठंडी-ठंडी हवाए चलती है, जो गर्मी से राहत प्रदान करती है

poem on rain

Poem on rain in hindi यूँ गरजे यूँ बरसे बादल

यूँ गरजे यूँ बरसे बादल,
हवा भी ज़ोर से चलती है।

मुझे बता दो ऐ चलते बादल,
बारिश कहाँ पे रहती है ।

क्यूँ पहले तुम बादल आते,
फिर बारिश आती है,

मेरी बचपने को देखकर,
माँ मुझे ये समझती है।

ये बारिश बनती बादल से ही,
सो बादल पहले आते हैं,

इन बारिश की बूंदों से ही,
सबका मन हर्षाते हैं।

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short poem on rain in hindi

Barish poem in hindi हवा की खुशबू में

हवा की खुशबू में,
चलो घूम के आते हैं !

पानी की बूंदों के नीचे,
एक पल यही बिताते हैं !

है घनघोर घटा छायी आज,
टप-टप गिरता पानी हैं !

खेलो कूदो बारिश में तुम,
ये समय न फिर से आनी है ।

जब यूँ गांवों में बारिश के नीचे,
हम बच्चे भीग के आते थे !

यूँ गीली मिटटी में ही हम,
खेल कूद मचाते थे !

बचपन की वो बारिश की याद,
आज भी हमें जब आती है !

देख आज की शहरों की बारिश,
खूब हमें ललचाती है !!

rhyming poem on rain

Poem on rainy season बादल घिर आए-

बादल घिर आए, गीत की बेला आई।
आज गगन की सूनी छाती
भावों से भर आई
चपला के पावों की आहट
आज पवन ने पाई

डोल रहें हैं बोल न जिनके
मुख में विधि ने डाले
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।

बिजली की अलकों ने अंबर
के कंधों को घेरा,
मन बरबस यह पूछ उठा है
कौन, कहाँ पर मेरा?

आज धरणि के आँसू सावन
के मोती बन बहुरे,
घन छाए, मन के मीत की बेला आई।
बादल घिर आए, गीत की बेला आई।

small poem on rain

Varsha ritu poem in hindi जब-जब पानी आता है

जब-जब पानी आता है
पत्ते, फूल खिलाता है
बरखा रानी आती है
रिमझिम पानी लाती है।

पानी आता झर-झर
बादल गरजते गर-गर-गर
बिजली रानी चमकती है
लगता अच्‍छा नभ मंडल।

कभी आता ज्यादा पानी
कभी आता पानी कम
कभी कहीं पर बाढ़ बोलती
कभी बोलता सूखापन।

hindi poem for kids on rain

Poem on monsoon देखो बसंत ऋतु है आयी

देखो बसंत ऋतु है आयी।
अपने साथ खेतों में हरियाली लायी।

किसानों के मन में हैं खुशियाँ छाई।
घर-घर में हैं हरियाली छाई।

हरियाली बसंत ऋतु में आती है।
गर्मी में हरियाली चली जाती है।

हरे रंग का उजाला हमें दे जाती है।
यही चक्र चलता रहता है।

नहीं किसी को नुकसान होता है।
देखो बसंत ऋतु है आयी।

hindi poem on rain for kids

Short rain poems सावन में तन मन जलाए

सावन में तन मन जलाए
हाय रे बेदर्दी साजन
तेरे बिन जिया न जाए
हाय रे बेदर्दी साजन !

धरती प्यासी आँगन प्यासा
रीत गई हर अभिलाषा
दर्द बढ़ा कर क्या सुख पाए
हाय रे बेदर्दी साजन !

बदरा बरसे कण-कण हरसे
हरी-हरी हरियाली सरसे
तू क्यों मेरी जलन बढ़ाए
हाय रे बेदर्दी साजन !

सुन ले मेरी कातर मनुहारें
कभी तो आ भूले-भटकारे
अब तो हाय अंग लगा ले
हाय रे बेदर्दी साजन !

प्रीत की रीत वही पुरानी
तू क्या जाने ओ अभिमानी
राधा को क्या कपट दिखाए
हाय रे बेदर्दी साजन !

barish poem in hindi

Poem on rainy season in hindi काला-धोला, बादल

काला-धोला, बादल आया,
संग ये अपने, बरखा लाया।

रिम-झिम का संगीत सुनाता,
खुशियों का संदेशा लाया।

जंगल महका चिड़िया चहकी,
नाचा मोर पपीहा गाया

काला-धोला बादल आया,
वर्षा की बौछारें लाया।

poem on rainy season

Rain poem for kids रिमझिम रिमझिम आये सावन

रिमझिम रिमझिम आये सावन,
भीगे धरती भीगे गगन।

धीरे धीरे हो के मगन,
नाचे मोर घर आँगन।

बरसात में बने पुढे पकौड़े,
संग इसके चाय की चुस्की में मज़े
आओ सब नाचे गाये।

poem on rainy season in hindi

Poem on seasons in hindi बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी

बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी
निकली है बनठन के देखो

छाते और मुनिया की जोड़ी
बादल भरकर आए कहाँ से

यहाँ पे आके चुप्पी तोड़ी
मौसम है यह ठंडा-ठंडा

आओ खाएँ गरम कचौड़ी
मुझे ऐसा लगा अभी कि
बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी।

varsha ritu par kavita

Varsha ritu ka chitra बरसात है ऋतुओं की रानी

बरसात है ऋतुओं की रानी
चारों तरफ बरसा है पानी
लोगों ने है छतरी तानी।

नभ में काले बादल छाये
नाचे मोर पंख फैलाए
कोयल मीठे गीत सुनाये।

झूम उठे हैं सब किसान
सब खाएं मीठे पकवान
सबका हो इससे कल्याण
क्या निर्धन क्या धनवान।

वर्षा ख़ुशहाली फैलाती है
कुछ देने का संदेश सुनाती है।
इसे सुने हम इसे गुने हम
वर्षा जैसा सरस् बनें हम।

Varsha ritu par kavita क्षितिज से उठ कर

क्षितिज से उठ कर
विषैले बादलों में सनसनाता आता है तूफ़ान
झुलसती कोटरों में चिड़ियाँ टहनियाँ पेड़ों की!

झुका लूँगा शीश तब
उड़ाए झुलसाएगा जब तूफ़ान
यह रुखे सूखे बालों को।

शीश पर सह लूँगा
वेग सब प्रकृति के विकृत तूफ़ान का।

Barish par kavita आज मुझसे बोल, बादल

आज मुझसे बोल, बादल!

तम भरा तू, तम भरा मैं,
ग़म भरा तू, ग़म भरा मैं,
आज तू अपने हृदय से हृदय मेरा तोल, बादल
आज मुझसे बोल, बादल!

आग तुझमें, आग मुझमें,
राग तुझमें, राग मुझमें,
आ मिलें हम आज अपने द्वार उर के खोल, बादल
आज मुझसे बोल, बादल!

भेद यह मत देख दो पल-
क्षार जल मैं, तू मधुर जल,
व्यर्थ मेरे अश्रु, तेरी बूंद है अनमोल, बादल
आज मुझसे बोल, बादल!

Barish par kavita in hindi बारिश का मौसम है

बारिश का मौसम है आया
हम बच्चों के मन को भाया।

‘छु’ हो गई गरमी सारी
मारें हम मिलकर किलकारी।

काग़ज़ की हम नाव चलाएँ
छप-छप नाचें और नचाएँ।

मज़ा आ गया तगड़ा भारी
आँखों में आ गई खुमारी।

गरम पकौड़ी मिलकर खाएँ
चना चबीना खूब चबाएँ।

गरम चाय की चुस्की प्यारी
मिट गई मन की ख़ुश्की सारी।

बारिश का हम लुत्फ़ उठाएँ
सब मिलकर बच्चे बन जाएँ।

Varsha poem in hindi सावन आयो रे

सावन आयो रे, आयो रे,
सावन आयो रे।
उमड़-घुमड़ कर कारी बदरिया
जल बरसायो रे।

मेंहदी वाला रंग रचाकर
सखियां झूला झूलें
पांव की पायल कहती है
कि उड़ते बादल छू लें
पीउ-पीउ कर के पपिहा ने
शोर मचायो रे,
सावन आयो रे।

सर-सर-सर-सर उड़े चुनरिया
हवा चले सन-सन-सन
रिमझिम-रिमझिम बरसे पानी
भीगे गोरिया का तन
सब सखियन ने मिलकर
राग मल्हार सुनायो रे,
सावन आयो रे।।

बहका-बहका मौसम है
ऋत पिया मिलन की आई
सब सखियाँ मिल तीज मनावें
हरियाली है छाई
जिसके पिया परदेस बसे
चिठिया भिजवायो रे,
सावन आयो रे।

Monsoon poem in hindi हर जुबा पे है छाई ये कहानी

हर जुबा पे है छाई ये कहानी
आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।

दिल को छू जाये मस्त झोका पवन का
मीठी धूप में निखर जाए रंग बदन का।

गाये बुजुर्गो की टोली जुबानी
आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।

झूमें पंछी कोयल गाये
सूरज की किरणे हँसती जमी नहलाये।

लागे दोनों पहर की समां रूहानी
आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।

टिमटिमायें ख़ुशी से रातों में तारे
पिली फसलों को नहलाये दूधिया उजाले।

गाते जाए सब डगर पुरानी
आई बसंत की ये ऋतू मस्तानी।

(Source : Infobells-hindi)

निष्कर्ष Conclusion-

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