Gulzar Shayari : दोस्तों गुलजार साहब मशहुर शायरों में से एक हैं। इन्होंने अपनी मशहूर शायरियों और लेखन के माध्यम से से लोगों का दिल जीता है। इनकी शायरियां मन को आनंदित करने वाली होती है। गुलजार साहब ने अपने शेर और शायरियां को कई अलग-अलग भाषाओं लिखा है। साहित्य के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ होने के कारण सन 2004 में इन्हें पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इनके शेर और शायरियां काफी दिलचस्प होती है। इसलिए दोस्तों आज की इस पोस्ट गुलजार शायरी में हमने गुलजार सर की कुछ चुनिंदा शायरियों को आपके साथ साझा किया है। तो दोस्तों इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
Gulzar shayari
इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी,
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां!
ना हुई शादी ना लिए फेरे हैं
फिर भी मान चुके हैं हम तेरे हैं..!!
मेरे हिस्से की तू अधूरी कहानी थी
मैं प्यार का राजा तू बेवफाओं की रानी थी..!!
सुनो, ज़रा रास्ता तो बताना
मोहब्बत के सफ़र से वापसी है मेरी!
नज़र झुका के उठाई थी जैसे पहली बार,
फिर एक बार तो देखो मुझे उसी नज़र से!
दिल अगर है तो दर्द भी होगा,
इसका शायद कोई हल नहीं होगा!
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की!
2 lines gulzar shayari
दिल मेरा सितम ढाये उसकी याद में
कतरा कतरा मै जलूं
उसके इंतज़ार में..!!
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में!
अगर उसे पाने की कोई कीमत होती मुर्शद
हम खुद को गिरवी रखकर
उसकी मोहब्बत खरीद लेते..!!
तू मिले मुझे मै बहार हो जाऊ
मोहब्बत करूँ ऐसे की गुलज़ार हो जाऊ..!!
बहुत सुधर गया हूं मैं
अब दूर रहता हूं अच्छे लोगों से..!!
जो लम्हे हैं सामने उन्हें हंसकर बिताओ
जिंदगी का क्या पता कब
और कहां से कैसा मोड़ ले ले..!!
Gulzar shayari in hindi
किसके हाथ में प्याली है
किसके मुंह में बोटी है
बहुत कुछ जानता हूं मैं मेरी बस
उम्र छोटी है..!!
मुझे उस सुकून भरी रात का इंतजार है
जब मैं एक बार मैं सोऊं तो फिर कभी ना उठूं..!!
कुछ इश्क़ मुझको दे दो इंकार मत करो तुम
दिल मेरा टुकड़े-टुकड़े हर बार मत करो तुम !
उसका मेरे बिना भी अब दिन चल जाता है
जो कभी मेरे छोड़ने की बात से हर पल घबराता था..!!
अगर जिंदगी में खुशियां है तो जिंदगी गुलजार है
अगर जिंदगी में गम है तो जिंदगी नागवार है !
कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा!
Heart touching gulzar shayari
वह इंसानियत ही क्या जो
इंसान के दुख में साथी ना हो
जन्नत का नूर बरसता है उस पर
जो इंसान दुख में भागीदारी हो !
जो दुरियो में भी कायम रहा
वो इश्क़ ही कुछ और था!
मुझे जरूरत नहीं शराब की
उनकी आंखे इतनी नशीली है
देखकर ही मदहोश हो जाता हूं !
कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा!
तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है
बेजार मन को भी गुलजार करती है !
तेरा दीदार जैसे आई हो बहार
इस कदर तुझ पर है यह दिल कुर्बान!
Hindi shayari by gulzar
चंद्र सिक्कों के लिए बिक क्यों रहा है इंसान
जीत ऐसी बाद में फिर हार बन जाती है !
तुझे मैं कभी खोना नहीं चाहता
इसलिए तुझे पाने की कभी जिद ही नहीं की!
तुम्हारी चाहत मोहब्बत का एहसान था
जो दिल कभी गुलजार था आज वो शमशान है!
ख्वाब की पंखुड़ियों को
प्रेम-धुन में सजाया है मैंने
अब दिल की वाटिका को तुम
गुल ए गुलजार कर दो!
आंसुओं का शायद इसीलिए कोई रंग नहीं होता
क्योंकि जब वे आते हैं कि कोई संग नहीं होता !
जो दूरियों से कायम रहा
वो एक रिश्ता दिल का गुलजार रहे
इश्क में हम डूबते गए तेरे
कभी इस बार तो कभी उस पार रहे!
मेरा हक़ नहीं है तुम पर ये जानता हु मैं
फिर भी न जाने क्यों दुआओ में तुझको
मांगना अच्छा लगता है!
इश्क की साजिश से तो
पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं
मोहब्बत के रंगों में खोकर
गुलजार महक से जाते हैं!
जिंदगी मेरी गुलजार हो गई
बड़े दिनों बाद उनसे मुलाकात हो गई
हमने जो पलटकर देखा तो
ऐसा लगा कयामत से मुलाकात हो गई!
दिल से खेलना हमें कभी आया ही नहीं,
प्यार को यूँ तौला हमने कभी नहीं,
पर अब जब दिल टूट गया है,
समझ में आया कि प्यार की कीमत क्या है।
तुम्हारे बिना ये दिल बहलता नहीं,
तुम्हारी यादों के बिना ये दिल संभलता नहीं।
तुम ही हो मेरी ज़िंदगी का एक हिस्सा,
तुम्हारे बिना कोई भी पल गुजरता नहीं।
खुद को खो दिया हमने दूसरों को पाते-पाते
और लोग कहते हैं कि हम बदल गए।
Final words on Gulzar shayari
आज यह पोस्ट gulzar shayari आपको कैसी लगी। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी होगी। अगर आप भी गुलजार सर की किसी मशहूर शायरी को हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो कमेंट करके आप बता सकते हैं। दोस्तों अगर यह पोस्ट अच्छी लगी है, तो सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करना।